भारतीय सविंधान भाग-1-संघ और राज्य क्षेत्र-Indian Constitution Part-1-Union and Territory Article 1 to 4

भारतीय सविंधान भाग-1-संघ और राज्य क्षेत्र-Indian Constitution Part-1-Union and Territory Article 1 to 4

Article 1 to 4 of Indian Constitution in Hindi Full Detail
Indian Constitution Part-1, Article 1 to 4
Indian Constitution Part-1, Article 1 to 4 


Indian Constitution Part-1-Union and Territory Article 1 to 4
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प्रिय छात्रों हम पढ़ेंगे भारतीय सविंधान के भाग 1 के विषय भारतीय संघ और राज्य क्षेत्र के बारे में। इस भाग में हम अनुच्छेद 1 से 4 तक की जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए पढ़ते हैं- भारतीय सविंधान भाग-1 संघ और राज्य क्षेत्र-संपूर्ण वर्णन-Indian Constitution Part-1-Union and Territory-Complete Description.
दोस्तों इसकी पीडीऍफ़(PDF) भी आपको निचे डाउनलोड करने को मिल जायेगी जिसको आप सेव कर सकते हैं।
निचे इस पाठ से सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर भी दिए गए हैं।

निम्न प्रश्नो की जानकारी हमको यहाँ से मिल जायेगी -

  • भारतीय राज्यों के नामों में परिवर्तन की शक्ति किसके पास है
  • भारत के किसी क्षेत्र को अलग करने या जोड़ने की शक्ति किसके पास है
  • क्या भारत अपने किसी भूभाग को अन्य देश को दे सकता है
  • मूल सविंधान में राज्यों की कितनी श्रेणियाँ थी
  • राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन कब हुआ
  • राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष कौन थे
  • भाषा के आधार पर बनने वाला प्रथम,राज्य कौन था
  • भारतीय राज्यों का एकीकरण किस प्रकार हुआ
  • कौन से राज्य किस वर्ष बनाये गए एवं विभिन्न राज्यों की स्थापना का क्रम क्या है
  • विभिन्न राज्यों की स्थापना का दिवस कब मनाया जाता है



भारतीय सविंधान भाग-1-संघ और राज्य क्षेत्र (अनु-1-4)

अनुच्छेद 1
अनुच्छेद-1 में कहा गया है कि भारत राज्यों का संघ होगा। भारत के राज्य व उनके राज्य क्षेत्र को पहली अनुसूची में शामिल किया गया है।


अनुच्छेद-2
संसद को संघ में नए राज्यों का प्रवेश तथा उनकी स्थापना का अधिकार दिया गया है।


अनुच्छेद 3
संसद को नए राज्यों के निर्माण तथा वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन का अधिकार भी होगा। इस प्रकार का कोई विधेयक संसद में राष्ट्रपति की सिफारिश से ही पेश होगा। राष्ट्रपति संबंधित राज्य के विधान मंडल को उस विधेयक को राय हेतु प्रेषित करेगा लेकिन उसकी राय मानने के लिए बाध्य नहीं होगा।

अनुच्छेद 4 
इस प्रकार पारित विधेयक संविधान संशोधन विधेयक नहीं माना जाएगा अर्थात एक साधारण विधेयक होगा।


बेरुबाडी मामले में उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संसद को भारतीय राज्य क्षेत्र को विदेशी राज्य को समर्पित करने की शक्ति नहीं है। 1958 में भारत-पाक सीमा विवाद में बेरुबारी संघ को पाकिस्तान को प्रदान करने का करार हुआ। इसके लिए संविधान संशोधन आवश्यक था। इस प्रकार 9वा संविधान संशोधन-1960 विधेयक पारित हुआ।
संविधान किसी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी नहीं देता है अर्थात राज्यों को खंडित किया जा सकता है। अतः भारत नाशवान राज्यों का अविनाशी संघ है।



भारत के राज्यों का  निर्माण-Formation Of The States Of India

देसी रियासतों का विलय-Merger of Indigenous Princely States

1947 को वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में रियासती मंत्रालय बनाया गया। भारतीय एकीकरण में वल्लभभाई पटेल ने प्रमुख योगदान दिया। अतः इन्हें भारत के बिस्मार्क की संज्ञा व लौह पुरुष की संज्ञा दी जाती है।


  • हैदराबाद, जूनागढ़, कश्मीर को छोड़कर सभी रियासतें विलय के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दी। 
  • जूनागढ़ पर मुस्लिम नवाब का शासन था, 1948 में जनमत संग्रह द्वारा इसे भारत में विलय किया गया। 
  • हैदराबाद को 1948 में सैन्य कार्यवाही द्वारा विलय किया गया। 
  • जम्मू कश्मीर का राजा हरी सिंह था। इसने 1948 में विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया।
  • मणिपुर भारत का पहला क्षेत्र है जहां सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव हुआ।


राज्यों का पुनर्गठन-Reorganization of States
मूल संविधान के प्रथम अनुसूची में चार श्रेणियों में विभक्त था।

  • क) ब्रिटिश प्रांत-10
  • ख) देसी रियासते वाले-8
  • ग) केंद्र शासित प्रदेश-9
  • घ) अंडमान निकोबार दीप समूह-1


राज्यों का गठन-Constitution of States
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 1948 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसके धर(SK. DHAR) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय आयोग का गठन किया। इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्य पुनर्गठन का विरोध किया तथा  प्रशासनिक सुविधा के आधार पर गठन को कहा।


कांग्रेस द्वारा गठित जेवीपी-JVP (जवाहरलाल नेहरू-वल्लभभाई पटेल- पट्टाभी सीतारामय्या) समिति ने भी भाषा के आधार पर राज्य पुनर्गठन का विरोध किया तथा देश की सुरक्षा एकता और आर्थिक समृद्धि को राज्यों का गठन का आधार बनाया।


मद्रास राज्य के तेलुगु भाषियों ने भाषाई आधार पर पृथक राज्य की मांग को लेकर श्रीरामल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ किया। 56 दिनों के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर 1952 को श्रीरामल्लू की मृत्यु हो गई तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तेलुगू भाषियों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश राज्य की गठन की घोषणा की।
1 अक्टूबर 1953 को आंध्र प्रदेश का गठन किया गया जो भाषा के आधार पर गठित होने वाला प्रथम राज्य था।


राज्य पुनर्गठन के लिए दिसंबर 1953 में फज़ल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग गठित किया। इसके अन्य सदस्य थे पंडित हृदय नाथ कुंजरू और के एम पणिक्कर।

भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को स्वीकार कर लिया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में पारित किया गया।
7वें सविंधान संसोधन अधिनियम 1956  द्वारा राज्यों की श्रेणियों को समाप्त कर 14 राज्य व 6  केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।


  • 1954 में पांडिचेरी सहित फ्रांसीसी उपनिवेश कराईकल, माहे, यनम  को भारत में विलय किया गया।>> संघ राज्य क्षेत्र का दर्जा मिला। 
  • 1961 में गोवा दमन व दीव को सैन्य कार्यवाही द्वारा पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराया गया। अभी संघ राज्य क्षेत्र का दर्जा मिला। 56 वें संविधान संशोधन द्वारा गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। गोवा को मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया था।
  • 1 मई 1960 को मराठी व गुजराती राज्य मुंबई के विभाजन कर महाराष्ट्र और गुजरात बने।
  • 1 दिसंबर 1963 को असम से नागालैंड को अलग कर राज्य का दर्जा दिया गया।
  • 1 नवंबर 1966 को पंजाब से पंजाब व हरियाणा बना। जबकि चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश बना अर्थात संघ राज्य क्षेत्र बना।
  • 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य बनाया गया।
  • 21 जनवरी 1972 को मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय को पूर्ण राज्य बनाया गया।
  • जनमत संग्रह के आधार पर 1975 में सिक्किम भारत का 22 वां राज्य बना।>> 36 वें सविंधान संसोधन द्वारा।
  • 20 फरवरी 1987 को मिजोरम भारत का 23वां राज्य तथा अरुणाचल प्रदेश 24वां राज्य बना।
  • 30 मई 1987 को गोवा भारत का 25 वां राज्य बना।
  • 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ 26 वां राज्य बना।>> मध्य प्रदेश से अलग होकर।
  • 1 नवंबर 2000 को उत्तराखंड 27वां राज्य बना।>> उत्तर प्रदेश से अलग होकर।
  • 15 नवंबर 2000 को झारखंड 28वां राज्य बना।>> बिहार से अलग होकर।
  • 2 जून 2014 को तेलंगाना 29वा राज्य बना।>> आंध्र प्रदेश से अलग होकर।

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प्रमुख प्रश्न एवं उनके उत्तर-Important FAQ

Q.1 -देसी रियासतों को भारतीय संघ का अंग बनाने में भूमिका किसने अदा की ?
उत्तर- सरदार वल्लभभाई पटेल व वीपी मैनन

Q.2-1953 में बने राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर- जस्टिस फजल अली

Q.3-एस के धर आयोग ने राज्य पुनर्गठन हेतु वरीयता दी ?
उत्तर- प्रशासनिक सुविधा के आधार पर

Q.4-मूल संविधान में राज्यों को कितने वर्गों में रखा गया था ?
उत्तर- 4

Q.5-भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन कब हुआ ?
उत्तर- 1956 में

Q.6-राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किस वर्ष हुआ ?
उत्तर- 1953 में

Q.7-राज्य पुनर्गठन अधिनियम कब पारित हुआ ?
उत्तर- 1956 में

Q.8-मूल संविधान में बनी राज्यों की श्रेणियों के किस वर्ष समाप्त कर दिया गया ?
उत्तर-1956 में 7 वां संविधान संशोधन द्वारा

Q.9-किस वर्ष सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया ?
उत्तर- 1975 ईस्वी में

Q.10-फ्रांसीसी सरकार ने कब कराईकल, माहे, यनम, पुद्दुचेरी को भारत को सौंपा ?
उत्तर--1954 में।

Q.11-गोवा सहित पुर्तगाली बस्तियों कब भारत में शामिल हुई ?
उत्तर- 1961 ईस्वी में

Q.12-किस संशोधन द्वारा सिक्किम भारत का सहराज्य बना ?
उत्तर- 35 वा संसोधन (36 व संशोधन द्वारा पूर्ण राज्य बनाया गया)

Q.13-हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा कब दिया गया ?
उत्तर- 1971 ईस्वी में

Q.14-सिक्किम भारत का वह राज्य कब बना ?
उत्तर--1974 ईस्वी में 1975 में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया

Q.15-हरियाणा राज्य कब बना ?
उत्तर--1 नवंबर 1966 में

Q.16-1948 में भाषा के आधार पर गठित आयोग के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर- एस के धर

Q.17-भारत में शामिल 28वा राज्य कौन सा था ?
उत्तर- झारखंड-15 नवम्बर 2000 ईस्वी।


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